हर हर महादेव
🙏
अनाथों के नाथ दीनानाथ शम्भू हे शिवम्
कृपा से तेरी जग में तर गए कई अधम
हर हर हर महादेव डम डम डमरू के स्वर
कर रहे प्रसार जग में जीवन का प्रतिक्षण
सत चित आनंद की त्रिवेणी है त्रिशूल में
उठ गई जीवन मरण से आके चरणों की धूल में
शूल अँधकार के जो जीवन में थे कभी
नाम मात्र से प्रभु के कण -कण बिखर गए
वो सार हैं ब्रह्माण्ड के उस सार के हम अंश हैं
विषधर शिवाय नीलकण्ठ रौद्राय शिव, शिव ही विध्वंस हैं
थाम्ह हाथ शिव का साथ अवगत हुई खुद से आज
मोह ये जगत का छोड़ मोक्ष पथ पे चल दी आज
शोक भय दुःख के सार हट गए मन से परे
शंकर सहाय तो भयंकर भी क्या करे
" नमः शिवाय "
©सुप्रिया सिंह
चित्र :गूगल साभार
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